Munger News: मुंगेर के बरियारपुर प्रखंड में स्थित ऋषि कुंड, बिहार के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है जहां हर साल मलमास मेला आयोजित होता है। यह मेला अपने धार्मिक महत्व और प्राचीन इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम ऋषि कुंड के महत्व, इसके इतिहास, और आकर्षणों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
ऋषि कुंड का महत्व
ऋषि कुंड एक प्रमुख तपोवन के रूप में बिहार में मशहूर है। इस स्थल का महत्व उसके धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ में है। यह स्थल रामायण काल से जुड़ा हुआ है और महाराज दशरथ के पुत्र श्रीराम के मुंडन संस्कार की मान्यता से भी युक्त है।
मलमास मेला: एक धार्मिक उत्सव
मलमास मेला, जो हर तीन वर्षों में आयोजित होता है, ऋषि कुंड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह उत्सव धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होता है जिसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं। मलमास मेला के दौरान लोग दूर-दराज से इस स्थल की दर्शनीयता का आनंद लेते हैं और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
ऋषि कुंड के आकर्षण
ऋषि कुंड के पास कई महत्वपूर्ण आकर्षण हैं जो श्रद्धालुओं को खींचते हैं। यहां पर आने वाले लोग अपने आप को आत्मा से जुड़े महसूस करते हैं और ध्यान धारणा का अभ्यास करते हैं। ऋषि कुंड का महत्वपूर्ण आकर्षणों में शामिल हैं:
1. ऋषि कुंड का तपोस्थल
यहां पर ऋषिमुनियों ने अपनी तपस्या की है और इस स्थल को एक तपोस्थल के रूप में प्रस्तुत किया है। यहां आकर्षित लोग ध्यान और शांति का अनुभव करते हैं।
2. हरेश्वर नाथ मंदिर
ऋषि कुंड में हरेश्वर नाथ मंदिर है जिसमें एक प्राचीन शिवलिंग स्थित है। श्रद्धालु यहां पर शिवलिंग के दर्शन करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
3. योगी श्यामाचरण लाहिरी की समाधि
योगी श्यामाचरण लाहिरी की समाधि भी यहां स्थित है। यह स्थल आध्यात्मिक आत्मसमर्पण की भावना से आकर्षित करता है।
ऋषि कुंड का यातायात
ऋषि कुंड पहुंचने के लिए विभिन्न यातायात विकल्प उपलब्ध हैं। यहां कुछ आसान रास्ते हैं जिनका आप उपयोग कर सकते हैं:
- जमालपुर सुल्तानगंज रेलखंड से ऋषि कुंड हॉल्ट की दूरी 6 किलोमीटर है।
- बरियारपुर मुंगेर राष्ट्रीय राजमार्ग 80 में नौवागढ़ी मस्जिद मोड़ से ऋषि कुंड की दूरी 9 किलोमीटर है।
- बरियारपुर खड़गपुर एनएच 333 मार्ग में बहादुरपुर शिवाला एवं लोहची बाजार से ऋषि कुंड की दूरी 11 किलोमीटर है।
समापन
ऋषि कुंड बिहार के बरियारपुर प्रखंड में स्थित धार्मिक पर्यटन स्थल है जो अपने प्राचीनता, महत्वपूर्ण आकर्षणों और मलमास मेला के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर आने वाले श्रद्धालु धार्मिक आत्मा को प्राप्त करने के लिए एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण में लिपटे हुए हैं।
FAQs:
- मलमास मेला कब होता है? मलमास मेला हर तीन वर्षों में आयोजित होता है और यह ऋषि कुंड में होता है।
- ऋषि कुंड में कैसे पहुंच सकते हैं? आप रेल और सड़क दोनों के माध्यम से ऋषि कुंड पहुंच सकते हैं।
- ऋषि कुंड में क्या आकर्षण हैं? यहां पर तपोस्थल, हरेश्वर नाथ मंदिर, और योगी श्यामाचरण लाहिरी की समाधि जैसे आकर्षण हैं।
- मलमास मेला कितने दिन तक चलता है? मलमास मेला आमतौर पर 16 दिनों तक चलता है और इसके दौरान श्रद्धालु आकर्षणों का आनंद लेते हैं।
- ऋषि कुंड का इतिहास क्या है? ऋषि कुंड का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है और महाराज दशरथ के पुत्र श्रीराम के मुंडन संस्कार की मान्यता से युक्त है।