Mor Par Nibandh: मोर पर निबंध

Raja Shantanu
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MOR PAR NIBANDH

परिचय

मोर, जिसे अंग्रेजी  में ‘पीकॉक’ भी कहा जाता है, एक रंगीन और सुंदर पक्षी है जिसकी पहचान उसके पूंछ से होती है। यह भारत का एक मुख्य पक्षी है और उसके सौंदर्यपूर्ण परिधि और अद्वितीय रंगों की वजह से यह लोगों के दिलों में बस जाता है। मोर का एक अनूठा रूपक भी होता है जो उसकी पूंछ की छुपी हुईता है और जिसे वह खोलता है जब वह खुश होता है।

विशेषताएँ और अद्भुतता

मोर की रंगीन परिधि में हरे, नीले, पीले, लाल, और काले रंग मिलते हैं, जिनसे उसकी खासियत और सुंदरता बढ़ जाती है। इसके साथ ही उसके पूंछ का आकार और उसके अद्वितीय खुलने की प्रक्रिया भी इसे विशेष बनाते हैं। जब मोर खुश होता है, तो वह अपनी पूंछ को खोलता है और उसकी रंगीनता का प्रदर्शन करता है, जिससे यह और भी मनमोहक लगता है।

संस्कृति में महत्व

मोर का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। यह भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के रूप में भी पूजा जाता है और भारतीय धर्मशास्त्र में उसके महत्व को बताया गया है। विभिन्न प्राचीन कथाओं में भी मोर का महत्वपूर्ण स्थान है और उसकी पूंछ को संवेदनाओं और भावनाओं का प्रतीक माना गया है।

प्राकृतिक संरक्षण

हालांकि मोर एक अद्वितीय और सुंदर पक्षी है, लेकिन यह संरक्षित प्रजातियों में से एक है जिनकी संख्या में गिरावट हो रही है। इसकी प्रमुख कारणों में वनस्पति और वन्यजीवों के निवास स्थलों की कमी और पर्यावरणिक परिवर्तन शामिल हैं।

निष्कर्ष

मोर, अपने अद्वितीय सौंदर्य और विविधता के साथ, भारतीय संस्कृति की अद्वितीयता का प्रतीक है। हमें इसके संरक्षण के प्रति संवेदनशील होना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसका आनंद उठा सकें और इसके साथ-साथ हमें हमारी संस्कृति की महत्वपूर्णता को भी महसूस करना चाहिए

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