Friendship Day 2023 : आज इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे है। हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है, जिसे दोस्ती का त्योहार भी कहा जाता है। यह दिन दोस्ती के महत्व को समझाता है और लोगों को समझाता है कि दोस्ती एक सच्चे और प्रेमभरे रिश्ते का आधार है। इस दिन लोग अपने दोस्तों के साथ वक्त बिताते हैं, उन्हें भेजी गई गिफ्ट्स के साथ अपने प्रेम की भावना को व्यक्त करते हैं, और एक दूसरे के साथ अपनी खुशियों और दुखों को बाँटते हैं। फ्रेंडशिप डे के इस विशेष दिन पर, हम आपको कुछ मशहूर हस्तियों की मित्रता के किस्सों के बारे में बता रहे हैं।
भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता: प्रेम और समर्पण की उदाहरण
1. गरीब सुदामा की मित्रता में भगवान कृष्ण का साथ
कृष्ण और सुदामा की मित्रता के बारे में कौन नहीं जानता है। यह मित्रता बनाती है कि दोस्ती अमीर और गरीब के बीच का फर्क नहीं देखती। इन दोनों की दोस्ती के कई किस्से हैं। एक बार गरीब सुदामा कृष्ण के दरबार में गए थे और अपने मित्र कृष्ण के लिए सिर्फ 3 मुट्ठी चावल लेकर गए थे। भगवान कृष्ण ने उनके लाए चावलों को खुशी से ग्रहण किया, जिसके बदले में उन्हें सृष्टि का असीम धन देने का वचन किया। भगवान कृष्ण ने अपने मित्र सुदामा के पैर धोए थे, जो मित्रता और समर्पण का एक अद्भुत उदाहरण है।
जय और वीरू की दोस्ती: फिल्मी किरदारों की असली दोस्ती
2. दोस्ती का नायक: जय और वीरू
जय और वीरू भले ही काल्पनिक किरदार हों, लेकिन उनके जैसी दोस्ती शायद ही किसी ने देखी हो। इनकी मित्रता रियल लाइफ से ही प्रेरित होकर बनाई गई है। 1975 की फिल्म शोले में ये किरदार अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र ने निभाए थे, जिसे बहुत पसंद किया गया था। फिल्म में जय ने अपने दोस्त के लिए जान भी दे दी थी। रियल लाइफ में भी अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र बेहद अच्छे दोस्त हैं और उनकी दोस्ती उनके फिल्मी किरदारों की दोस्ती से कम नहीं है।
मुकेश अंबानी और मनोज मोदी की दोस्ती: व्यापार और मित्रता का संगम
3. दोस्ती के बाजार में अंबानी और मोदी
एशिया के सबसे अमीर शख्स और देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी और रिलायंस रिटेल और रिलायंस जियो के डायरेक्टर मनोज मोदी की दोस्ती के चर्चे तो आपने सुने ही होंगे। दरअसल, मनोज मोदी को मुकेश अंबानी का दाहिना हाथ कहा जाता है। अंबानी और मोदी मुंबई यूनिवर्सिटी के केमिकल इंजीनियरिंग के विभाग में पढ़ने वाले थे और वहां से शुरुआती दिनों से ही एक दूसरे के साथ बंधे हुए हैं। रिलायंस कंपनी में भी दोनों ने साथ ही प्रवेश किया था, जो दोस्ती और साझेदारी का एक अच्छा उदाहरण है।
सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की साझेदारी: क्रिकेट और मित्रता का संगम
4. क्रिकेट के महानायक: सचिन और कांबली
अगर दोस्ती की बात हो रही है, तो सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली को कौन भूल सकता है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन और कांबली का याराना बहुत पुराना है। दोनों ने बचपन से लेकर टीम इंडिया तक एक साथ खेला है। उनके बीच की मित्रता और साझेदारी ने क्रिकेट दुनिया में धूम मचाई। 1988 में दोनों ने नॉटआउट 664 रनों की पार्टनरिशप करते हुए तहलका मचा दिया था। यह उनकी मित्रता और संयम का एक शानदार उदाहरण था। हालांकि, कांबली का करियर सचिन जितना लंबा नहीं रहा, लेकिन उनकी दोस्ती और संयम उन्हें क्रिकेट दुनिया में यादगार बना देती है।
समाप्ति: मित्रता के माहौल में सजी ये कहानियां
इन कुछ लोकप्रिय व्यक्तियों की मित्रता के किस्से हमें दिखाते हैं कि दोस्ती और मित्रता मानवीय जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। ये कहानियां दिखाती हैं कि सच्चे मित्र हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े होते हैं, हर परेशानी में साथ देते हैं, और आपसी समर्थन के साथ एक दूसरे के सपनों को पूरा करने में मदद करते हैं। मित्रता का महत्व समझाने वाली इन दोस्ती की कहानियां हम सभी को प्रेरित करती हैं और हमें याद दिलाती हैं कि सच्चे मित्र हमारे जीवन में अमूल्य होते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल: दोस्ती के बारे में प्रश्न
- कृष्ण और सुदामा की मित्रता के बारे में कुछ और रोचक तथ्य क्या हैं?
दोस्ती ने कृष्ण और सुदामा के बीच कई अद्भुत किस्से रचाए हैं। उनमें से एक किस्सा है कि जब सुदामा ने कृष्ण को गरीबी का एहसास कराने के लिए उसे छोटे-से भट्टे में दूध भेजा था। भगवान कृष्ण ने उस दूध को पी लिया और सुदामा को अपने भव्य म