Bharat Ki Sansad Ka Kya Naam Hai: जानिए भारत की संसद का नाम

Raja Shantanu
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bharat ki sansad ka kya naam hai

Bharat Ki Sansad Ka Kya Naam Hai: भारत की संसद का क्या नाम है

संसद, भारतीय लोकतंत्र की आधारभूत संस्था है, जो दो प्रमुख सदनों से मिलकर मिलती है – लोकसभा और राज्यसभा। यह संसद भवन में आवासित है और यहाँ विधायिका के प्रतिनिधित्व का कार्य संपादित होता है।

भारत की संसद का इतिहास और महत्व

संसद का उद्गम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय में हुआ था। 9 दिसंबर 1946 को, भारतीय संसद अधिनियम के तहत संसद की स्थापना की गई और 13 मई 1952 को पहली बार भारतीय संसद बैठी। संसद भारतीय लोकतंत्र के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के माध्यम से भारतीय संविधान में स्थापित किया गया था और यह देश के लोगों की आवाज को सुनने और उनकी मांगों को पूरा करने का माध्यम है।

भारत की संसद के दो सदनों के विशेषताएँ

लोकसभा: यह सदन लोगों के प्रतिनिधित्व का कार्य संपादित करता है और यहाँ प्रत्येक पांच साल में आयोजित होने वाले चुनावों के माध्यम से सदस्यों का चयन होता है। लोकसभा का प्रमुख कार्य विधायिका संशोधन और नये कानूनों के प्रस्तावना, चर्चा और मंजूरी का कार्य संपादित करना होता है।

राज्यसभा: इस सदन में राज्यों के प्रतिष्ठित लोगों का प्रतिनिधित्व होता है। यहाँ के सदस्यों का चयन राज्यों की विधान सभाओं द्वारा होता है। राज्यसभा का प्रमुख कार्य विशेष प्रावधान वाले कानूनों की समीक्षा करना और उन्हें मंजूरी देना होता है।

भारत की संसद का क्या नाम है: आवाज का माध्यम

संसद भारतीय लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली संस्थानों में से एक है, जहाँ लोगों की आवाज सुनी जाती है और उनकी मांगों का समाधान किया जाता है। यहाँ के सदस्यों का कार्य विभिन्न मुद्दों की चर्चा करना, नए नियमों और कानूनों की विचारात्मक प्रस्तावना करना, सरकार के प्रदान की जांच करना और नागरिकों की मांगों का समाधान करना होता है।

भारत की संसद का क्या नाम है: उदाहरण से समझें

इसे समझने के लिए, एक उदाहरण देखते हैं। सोचिए, अगर कोई नया कानून बनाने की जरूरत होती है जो नागरिकों के हित में हो, तो यह संसद की जिम्मेदारी होती है। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मिलकर उस कानून की विचारात्मक प्रस्तावना करते हैं, उसकी चर्चा करते हैं, सुधार करते हैं और उसे मंजूरी देते हैं। इस प्रकार, संसद ने लोगों के लिए उपयोगी और उचित कानूनों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारत की संसद का क्या नाम है: मुख्य संक्षिप्त प्रश्न

संसद क्यों महत्वपूर्ण है?

संसद भारतीय लोकतंत्र की मूलभूत संस्था है जो लोगों की आवाज को सुनने और समस्याओं का समाधान करने का माध्यम है। यहाँ के सदस्य नए कानूनों की प्रस्तावना करते हैं और सरकार की प्रदान की जांच करते हैं, जो नागरिकों के हित में होते हैं।

संसद कितने प्रकार की होती है?

संसद दो प्रमुख सदनों से मिलकर मिलती है – लोकसभा और राज्यसभा। लोकसभा में लोगों के प्रतिनिधित्व का कार्य संपादित होता है, जबकि राज्यसभा में राज्यों के प्रतिष्ठित लोगों का प्रतिनिधित्व होता है।

संसद का क्या महत्व है भारतीय लोकतंत्र में?

संसद भारतीय लोकतंत्र की मूलभूत स्तंभ है, जो नागरिकों की आवाज को सुनता है और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कानून बनाता है। यहाँ के सदस्य लोगों के हित में काम करते हैं और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

भारत की संसद का क्या नाम है: FAQ’s

सदस्यों का चयन कैसे होता है?

सदस्यों का चयन लोकसभा में प्रत्येक पांच साल में होते हैं, जिसमें लोग चुनाव में वोट करके सदस्यों का चयन करते हैं। राज्यसभा के सदस्य राज्यों की विधान सभाओं द्वारा चुने जाते हैं।

संसद की कितनी सदस्यों की संख्या होती है?

लोकसभा में कुल 545 सदस्य होते हैं, जबकि राज्यसभा में 245 सदस्य होते हैं।

संसद का कार्यकाल कितना होता है?

लोकसभा का कार्यकाल पांच साल होता है, जबकि राज्यसभा का कार्यकाल शून्य होता है, यानी प्रत्येक दो साल बाद आम चुनाव होते हैं और तब कुछ सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होता है।

संसद के कार्य क्या होते हैं?

संसद के कार्य में नए कानूनों की प्रस्तावना, संशोधन और मंजूरी, सरकार की प्रदान की जांच, और लोगों की समस्याओं का समाधान शामिल होते हैं।

भारत की संसद का क्या नाम है: निष्कर्ष

भारतीय संसद देश की लोकतंत्र की शान है जो लोगों की आवाज को सुनती है और उनकी मांगों का समाधान करती है। यहाँ के सदस्य नए कानूनों की प्रस्तावना करके देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए काम करते हैं। इसके माध्यम से हमारी सरकार नागरिकों की आवाज सुनती है और उनके हित में कार्रवाई करती है।

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